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चर्चा नुमा कविता : ज्ञान … कर्म और खुशहाली

hamaradesh-hamaradard
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ज्ञान होगा             तो कर्म होगा
कर्म होगा       तो खुशहाली होगी
खुशहाली होगी     तो मन नाचेगा
मन नाचेगा      तो आदमी गायेगा
आदमी गायेगा    तो सुख बरसेगा
सुख बरसेगा     तो दिमाग चलेगा
दिमाग चलेगा     तो ज्ञान आएगा
ज्ञान होगा            तो ज्ञान बटेगा
ज्ञान बटेगा          तो  ज्ञान बढ़ेगा
ज्ञान की खेती           लहलायेगी
तो ज्ञान कटेगा          ज्ञान बटेगा
ज्ञान बटेगा             तो कर्म होंगें
कर्म होंगे           तो सुख आएगा
सुख आएगा तो खुशहाली लाएगा
याद रखिये             जहाँ ज्ञान है
वहीँ कर्म है                और जहाँ
कर्म है    वहीँ पर  होगी खुशहाली

इसी बात को        अब इलेक्ट्रिसिटी के
सिद्धांतो                   से भी समझते है
चार्ज इक्कठे होंगे      तो वोल्टेज बढ़ेगा
वोल्टेज बढ़ेगा                      तो कर्रेंट
कम वोल्टेज               की ओर दौड़ेगा
करेंट जब      रेजिस्टेंस से होकर दौड़ेगा
तो काम होगा                     काम होगा
तो ऊर्जा पैदा होगी          तो खेती होगी
खेती होगी          तो फसलें लहलहायेंगी
फसलें लहलहायेंगी तो खुशहाली आएगी
खुशहाली आएगी           तो चार्ज बढ़ेगा
चार्ज बढ़ेगा                 तो करंट दौड़ेगा
करेंट दौड़ेगा                   तो काम होंगे
काम होंगे     तो         खुशहाली छायेगी

महत्वपूर्ण नोट:-

खुशहाली यदि चाहिये तो ज्ञान अर्जित करना ही होगा ज्ञान अर्जित होगा तो कार्य होंगे और कार्य होंगे तो खुशहाली आएगी  …अब यहाँ ज्ञान का मतलब है    किसी भी काम का   know how और ज्ञान बाटने से मतलब है    training और काम होने से मतलब है काम ……वोह चाहे हम खेत में करें ….या कारखाने में …काम होगा तो खुशहाली आएगी .खुशहाली आएगी तो दिमाग चलेगा ..दिमाग चलेगा …तो ज्ञान बढ़ेगा    और बटेगा      अतः ज्ञान …कर्म और खुशहाली का बहुत नज़दीकी रिश्ता है ..   जिस दिन हम यह समझ लेंगे ज्ञान अर्जित करके पूरे मन से काम करेंगे …खुशहाली हमारे कदम चूमेंगी

(समाप्त)

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