कविता – लड़की का दिल hamaradesh-hamaradard In our desh we have lot of dard as common people and we all suffer, this blog is for all my countrymen of this great country my desh India or Bharat such as BRASHTACHAR MAHGAI DELAY AND DENIAL OF JUSTICE ETC ETC किसी लड़की का दिल
मुर्गियों का दडबा नहीं होता
कि एक मुर्गी रखो … कुछ दिन
उसे मार डालो …
दूसरी रखो .. जब तक चाहो
फिर उसे भी मार डालो …
खेलो उसके साथ …
लड़की का दिल ….
तो मंदिर होता है पावन पवित्र….
सीधा . …. सच्चा ….
जिसे अपना . ..माना ..
बसाया मंदिर में ……
देवता बनाया …….
अपना ….अपनी आत्मा का ….
सर्वस्व का ….
वोह कभी नहीं निकलता
देवता कभी नहीं बदलता …..
लड़की का दिल ..
बड़ा कोमल सहृदय होता
कोमल कल्पना में रहता ..
पलता .. .रहता ….
कभी माँ का . .कभी पत्नी का ..
कभी बहिन का
और कभी प्रेयसी का ……
लड़की का दिल ही तो…
दया से .प्यार से
सराबोर रहता ….
केवल देना जानता …
पाने की चाह नहीं करता …..
लड़की का दिल…
एक आदर्श है जीवित
आज भी ….
उन तमाम दिलों के लिए …
जो करते हैं लूट …खसोट …
कतल . .डकैती .. और
ना जाने क्या .. .क्या ..
काश ………. .हर दिल ….
लड़की का दिल होता ..
तो आज यह विश्व ……..
स्वर्ग होता …
केवल स्वर्ग होता …
निखालिस स्वर्ग होता
निखालिस स्वर्ग होता
(समाप्त)
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